कृषि से जुड़े 112 स्टार्टअप को 1186 लाख रुपये देगी मोदी सरकार, ये होगा फायदा

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार के तहत दी गई है 112 स्टार्टअप को आर्थिक मदद, किसानों की आय बढ़ाने में होंगे मददगार. 


     तकनीक के जरिए खेती-किसानी को आसान बनाने की कोशिश

नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi Government) ने किसानों की आय (Farmers Income) बढ़ाने और युवाओं को रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए कृषि क्षेत्र के स्टार्ट-अप्‍स को प्रोत्साहित करने की नीति बनाई है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)-रफ्तार के तहत ‘नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास’ कार्यक्रम को अपनाया गया है. इसके पहले चरण में 112 स्टार्टअप (Startup) को 1186 लाख रुपये की रकम दी जाएगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात की जानकारी दी है. आरकेवीवाई योजना कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए राज्‍यों को प्रोत्‍साहित करती है.

तोमर ने बताया कि इन स्टार्ट-अप को 29 एग्रीबिजनेस इंक्यूबेशन केंद्रों में 2-2 महीने की ट्रेनिंग दी गई है. ये स्टार्ट-अप युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगे व प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगे. उन्होंने कहा, कृषि व इससे जुड़ी एक्टिविटी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के जिए आरकेवीवाई-रफ्तार, महत्वपूर्ण योजना है.

योजना के तहत कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘इनोवेशन एंड एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट’ कार्यक्रम को जोड़ा गया है. इसी के तहत स्टार्ट-अप को आर्थिक सहायता दी जाएगी. तोमर ने बताया कि उन्होंने मंत्रालय स्तर पर आयोजित बैठकों में कृषि (Agriculture) को प्रतिस्‍पर्धी बनाने, कृ‍षि-आधारित गतिवि‍धियों के लिए आवश्‍यक संबल प्रदान करने और नई तकनीक को जल्द से जल्द अपनाने  को कहा है. सरकार का जोर कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने पर है, इसलिए स्टार्ट-अप्‍स की जरूरत है.

तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस महीने की शुरुआत में देश में कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा की प्रगति‍ की समीक्षा की थी. किसानों की  मांग पर जानकारियां प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था.


      तकनीक के जरिए खेती-किसानी को आसान बनाने की कोशिश

तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि चिन्हित समस्याओं को सुलझाने और कलपुर्जों व उपकरणों के लिए डिजाइन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए साल में दो बार हैकाथॉन का आयोजन किया जा सकता है. जिससे खेती-बाड़ी में कठिन परिश्रम को कम किया जा सकता है.  

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